Tuesday, January 1, 2013
Wednesday, December 29, 2010
Sunday, December 13, 2009
All time great Nauha : Uthay Kaisay Bali Sakina Ka Lasha
All Time Great Nauha...You can't ignore this...
If you still not heard about this Nauha, then you missed something. Even if you have large collection of nauhas and don't have this one - then your library is not complete. This nauha equally popular in India and Pakistan.
अगर यह नौहा आपने अब तक नहीं सुना है तो यकीन मानिए कि आप एक बहुत कीमती तोहफे से महरुम रह गए। इस नौहे की शोहरत भारत में सबसे पहले य़ूपी स्टेट के जलालपुर इलाके से फैली। जलालपुर की अंजुमन के साहिबे बयाज दिलशाद ने आज से बरसों पहले जब इस नौहे को पढ़ा तो उस अंजुमन की धूम मच गई और फिर तो उस अंजुमन को जगह-जगह से इस नौहे को पढ़ने के लिए बुलाया जाने लगा। इसके बाद इस अंजुमन ने यही नौहा बड़ागांव में निकलने वाली अमारी में भी पढ़ा। भारत के ज्यादातर लोगों ने मान लिया कि यह नौहा मूल रूप से जलालपुर की अंजुमन का है।
लेकिन सच तो यह है कि यह नौहा पाकिस्तान का है, जहां इंचौली की अंजुमन ने सबसे पहले इस पढ़ा। कोई नहीं जानता कि इस नौहे को किसने लिखा है। लेकिन यह नौहा जितना भारत में मशहूर है, उतना ही पाकिस्तान में मशहूर है। आज भी इंचौली की अंजुमन से इस नौहे को पढ़ने की फरमाइश की जाती है। बहरहाल, जिसने भी इस नौहे को लिखा, अल्लाह उनको जन्नत अता करे।
Another famous Old Nauha...
Nadeem Sarwar's old nauhey are still worth listening...
...and how we can forget this one...
Aaja mere bache - Nadeem Sarwar 1998
If you still not heard about this Nauha, then you missed something. Even if you have large collection of nauhas and don't have this one - then your library is not complete. This nauha equally popular in India and Pakistan.
अगर यह नौहा आपने अब तक नहीं सुना है तो यकीन मानिए कि आप एक बहुत कीमती तोहफे से महरुम रह गए। इस नौहे की शोहरत भारत में सबसे पहले य़ूपी स्टेट के जलालपुर इलाके से फैली। जलालपुर की अंजुमन के साहिबे बयाज दिलशाद ने आज से बरसों पहले जब इस नौहे को पढ़ा तो उस अंजुमन की धूम मच गई और फिर तो उस अंजुमन को जगह-जगह से इस नौहे को पढ़ने के लिए बुलाया जाने लगा। इसके बाद इस अंजुमन ने यही नौहा बड़ागांव में निकलने वाली अमारी में भी पढ़ा। भारत के ज्यादातर लोगों ने मान लिया कि यह नौहा मूल रूप से जलालपुर की अंजुमन का है।
लेकिन सच तो यह है कि यह नौहा पाकिस्तान का है, जहां इंचौली की अंजुमन ने सबसे पहले इस पढ़ा। कोई नहीं जानता कि इस नौहे को किसने लिखा है। लेकिन यह नौहा जितना भारत में मशहूर है, उतना ही पाकिस्तान में मशहूर है। आज भी इंचौली की अंजुमन से इस नौहे को पढ़ने की फरमाइश की जाती है। बहरहाल, जिसने भी इस नौहे को लिखा, अल्लाह उनको जन्नत अता करे।
Another famous Old Nauha...
Nadeem Sarwar's old nauhey are still worth listening...
...and how we can forget this one...
Aaja mere bache - Nadeem Sarwar 1998
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Wednesday, November 11, 2009
Who is Ali अली कौन
Allama Zamir Akhtar Naqvi reciting Marsia-e-MEER ANEES on topic "BUT SHIKAN AUR BUT TARAASH"..This is taken from Ashra-e-Chehlum 2008.The topic of Ashra was "BUT SHIKAN AUR BUT TARAASH" ..In 9th majlis he recited some bands from Anees's maraasi with great enthusiasm...Look how well the audience has responded.
Allama sahab says "Hamarey samaaen sukhan fehmi mein kamaal rakhtey hain".
हजरत अली को लेकर तमाम फिरकों के जहर उगलने वाले प्रचार के बावजूद अली का रुतबा न कम हुआ है और न होगा। मीर अनीस बरसों पहले जो लिख गए हैं, वह आज भी तमाम शायरों और अल्लामा लोगों की जबान से सुनाई दे जाता है। यह विडियो कुछ यही बयान कर रहा है।
Labels: BUT SHIKAN AUR BUT TARAASH, Marsia-e-MEER ANEES, Zamir Akhtar Naqvi
Wednesday, November 4, 2009
Sunni Maulana reciting in praise of Hazarat Ali
हजरत अली की शान में कसीदा पढ़ने में सुन्नी आलिम और मौलाना भी पीछे नहीं हैं। यहां तक की कई अन्य धर्म ग्रंथों में हजरत अली का जिक्र मिलता है। सूफी संतों ने तो मौला अली की शान में पूरी शायरी लिख डाली है। इस विडियो को देखने के बाद आप हजरत अली की लोकप्रियता के कायल हुए बिना नहीं रह सकेंगे। मौला की आपकी हमेशा मदद करें।
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Sunday, November 1, 2009
Great Nauha of Haji Iqbal...Wo Sham-e- Gharibain 72 Janazay
भारत-पाकिस्तान के तमाम शहरों में ऐसे नौहाख्वान हैं जिनकी आवाज आम लोगों तक नहीं पहुंच पाती है लेकिन अगर आप उनकी आवाज सुनें तो तमाम बड़े नौहाख्वानों के मुकाबले उन्हें बार-बार सुनना चाहेंगे। यह आवाज हाजी इकबाल है जो सरगोधा (पंजाब) के रहने वाले हैं। उनका यह नौहा 2006 में आया था और जिसने भी सुना बस सुनता रह गया।
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